1. ज्ञानी लोग एक ईश्वर को अलग-अलग नामो से पुकारते है.
- ऋग्वेद 1:164:46
कह दो तुम अल्लाह कह कर पुकारो या रहमान कह कर पुकारो उसे जो भी कह कर पुकारो, उसके सभी अच्छे नाम है.
- कुरान 17:110
2. ईश्वर के विधान नही बदलते.
- ऋग्वेद 1:24:10
अल्लाह की बातो में कोई परिवर्तन नहीं हुआ करता.
- कुरान 10:64
3. ऋषियों के द्वारा स्तुतिये (पूज्य) परमेश्वर ने परस्पर जुड़े हुए प्राचीन आसमान और पृथ्वी को अलग-अलग किया फिर उत्तम कर्म वाले ने सूर्ये के समान उन दोनों को स्थित किया.
- ऋग्वेद 1:162:7
क्या इंकार करने वालो ने नही देख लिया की ये आसमान और धरती पहले परस्पर जुड़े हुए थे फिर हमने उन्हें अलग-अलग किया.
- कुरान 21:30
4. इस संसार के बनाए वाले के लिये स्तुति है.
- ऋग्वेद 5:81:1
स्तुतियो का पात्र अल्लाह ही है जो सब संसारो का प्रभु है.
- कुरान 1:01
5. जो देने वाला और दयावान है.
- ऋग्वेद 03:34:01
जो असीम कृपावान और दयावान है.
- कुरान 01:02
6. हमको हमारे कल्याण के लिये सदमार्ग पर ले चल.
- यजुर्वेद 40:16
हे परमेश्वर हमारा सीधे मार्ग की ओर मार्गदर्शन कर.
- कुरान 1:05
7. वह ईश्वर सारे जगत को भली प्रकार जानता है.
- ऋग्वेद 10:187:4
और अल्लाह आसमानों और धरती मुझे जो कुछ है उसे जानता हैं, अल्लाह हर वास्तु का ज्ञान रखता है.
- कुरान 49:16
8. ईश्वर के नियम कोई नहीं बदल सकता.
- अर्थर्ववेद 18:01:05
और तुम ईश्वर के विधान मुझे कोई परिवर्तन नहीं पाओगे.
- कुरान 48:23
9. संसार का सृष्टा आगे, पीछे, ऊपर, नीचे सब जगह है.
- ऋग्वेद 10:34:14
सो तुम जिधर भी मुंह करो उधर ही अल्लाह का रुख है, अल्लाह बेशक बड़ा सर्वविस्तृत और जानने वाला है.
- कुरान 2:115
10. चंद्रमा सहित ये सब नक्षत्र उसी के वश में हैं.
- अर्थर्ववेद 13:428
उसी ने पैदा किए सूर्ये, चन्द्रमा और तारे, (ये) सब उसके आदेश के अधीन है.
- कुरान 7:54
- ऋग्वेद 1:164:46
कह दो तुम अल्लाह कह कर पुकारो या रहमान कह कर पुकारो उसे जो भी कह कर पुकारो, उसके सभी अच्छे नाम है.
- कुरान 17:110
2. ईश्वर के विधान नही बदलते.
- ऋग्वेद 1:24:10
अल्लाह की बातो में कोई परिवर्तन नहीं हुआ करता.
- कुरान 10:64
3. ऋषियों के द्वारा स्तुतिये (पूज्य) परमेश्वर ने परस्पर जुड़े हुए प्राचीन आसमान और पृथ्वी को अलग-अलग किया फिर उत्तम कर्म वाले ने सूर्ये के समान उन दोनों को स्थित किया.
- ऋग्वेद 1:162:7
क्या इंकार करने वालो ने नही देख लिया की ये आसमान और धरती पहले परस्पर जुड़े हुए थे फिर हमने उन्हें अलग-अलग किया.
- कुरान 21:30
4. इस संसार के बनाए वाले के लिये स्तुति है.
- ऋग्वेद 5:81:1
स्तुतियो का पात्र अल्लाह ही है जो सब संसारो का प्रभु है.
- कुरान 1:01
5. जो देने वाला और दयावान है.
- ऋग्वेद 03:34:01
जो असीम कृपावान और दयावान है.
- कुरान 01:02
6. हमको हमारे कल्याण के लिये सदमार्ग पर ले चल.
- यजुर्वेद 40:16
हे परमेश्वर हमारा सीधे मार्ग की ओर मार्गदर्शन कर.
- कुरान 1:05
7. वह ईश्वर सारे जगत को भली प्रकार जानता है.
- ऋग्वेद 10:187:4
और अल्लाह आसमानों और धरती मुझे जो कुछ है उसे जानता हैं, अल्लाह हर वास्तु का ज्ञान रखता है.
- कुरान 49:16
8. ईश्वर के नियम कोई नहीं बदल सकता.
- अर्थर्ववेद 18:01:05
और तुम ईश्वर के विधान मुझे कोई परिवर्तन नहीं पाओगे.
- कुरान 48:23
9. संसार का सृष्टा आगे, पीछे, ऊपर, नीचे सब जगह है.
- ऋग्वेद 10:34:14
सो तुम जिधर भी मुंह करो उधर ही अल्लाह का रुख है, अल्लाह बेशक बड़ा सर्वविस्तृत और जानने वाला है.
- कुरान 2:115
10. चंद्रमा सहित ये सब नक्षत्र उसी के वश में हैं.
- अर्थर्ववेद 13:428
उसी ने पैदा किए सूर्ये, चन्द्रमा और तारे, (ये) सब उसके आदेश के अधीन है.
- कुरान 7:54
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