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Thursday, 25 September 2014

कुरान में Orbits, Gasseous Mass, Nebula aur Big Bang theory का ज़िक्र:



"सूर्य चन्द्रमा को अपनी ओर खींच नहीं सकता और ना दिन, रात से आगे निकल सकता है. ये सब एक कक्षा (orbit) में अपनी गति के साथ चल रहे है."
- कुरान 36:40

दिन के रात से आगे निकलने के शब्द देखिये, पृथ्वी से ऊंचाई पर जाकर देखा जाये तो इस दृश्य का इन्ही शब्दों में उल्लेख किया जा सकता है की दोनों एक दुसरे का पीछा कर रहे है. इसके अतरिक्त आयत में "यसबाहून" शब्द है जिसका अर्थ है की वो अपनी गति के साथ चल रहे हैं अर्थात आयत में बता दिया गया है की सूर्ये चन्द्रमा और पृथ्वी अपनी-अपनी धुरी (Axis) पर घूम रहे है और इस गति के साथ-साथ अपनी-अपनी कक्षों (Orbits) में भी घूम रहे है. बीसवी शताब्दी में आकर विज्ञान (Science) ने बताया की सूर्य अपनी धुरी (Axis) पर एक चक्कर 25 दिन में पूरा करता है और अपनी कक्षा (Orbits) में 125 मील प्रति सेकंड (7,20,000 प्रति किलोमीटर प्रति घंटे) की गति से चलते हुए एक चक्कर 25 करोड़ वर्ष में पूरा करता है. आधुनिक विज्ञानिक शोध ने अब यह बताया हैं की सूर्य व चन्द्रमा की जीवन अवधि एक दिन समाप्त हो जाएगी और यह की सूर्य एक विशेष दिशा में भी बहा चला जा रहा है. आज विज्ञान ने उस स्थान को निश्चित भी कर दिया है जहा सूर्य जाकर समाप्त होगा. उसे Solar Apex का नाम दिया गया हैं और सूर्य उसकी ओर 12 मील प्रति सेकंड की गति से बढ़ रहा है.
अब ज़रा बीसवी सदी के इन अनुसंधानों को कुरान की दो आयतों में देखे

"क्या तुमने इस पर दृष्टि नहीं डाली की अल्लाह रात को दिन में और दिन को रात में प्रवेश करता है. सूर्य और चन्द्रमा को काम में लगा रखा है. हर एक निश्चित काल तक ही चलेगा (और अल्लाह जब ऐसा सर्वशक्तिमान और सर्वज्ञानी है तो) अल्लाह तुम्हारे सारे कर्मो की जानकारी भी रखता है."
- कुरान 31:29

इस आयत में एक निश्चित समय तक सूर्य और चन्द्रमा की जीवन का उल्लेख किया गया है और अब सूर्य के एक विशिष्ट स्थान की ओर खिसकने का वर्णन -
"और एक निशानी यह भी है की सूर्य अपने लक्ष्य की और चला जा रहा है. यह एक अथाह ज्ञान वाले (अल्लाह) का निश्चित किया हुआ हिसाब है"
- कुरान 36:38

यह आकाशगंगा, सर मंडल, तथा पृथ्वी व आकाश कैसे उत्पन्न हुए इस सम्बन्ध में कुरान ने संकेत दिया था -
"फिर उसने (अल्लाह ने) ध्यान किया और वो पहले धुंआ (Gasseous Mass) था"
- कुरान 41:41

"क्या इनकार करने वाले नहीं देखते की आकाश और पृथ्वी प्रारंभ में एक थे फिर हमने उन्हें अलग-अलग किया और हर जीव की उत्पत्ति का आधार पानी को बनाया? क्या अब भी वो ईमान नहीं लायेंगे?"
- कुरान 21:30

उपरोक्त दोनों आयते Nebula और विशाल विस्फोट सिध्धांत (big-bang theory) की ओर संकेत करती है. यह भी विशिष्ट रूप से नोट कर लें की इन सब आयतों में ईश्वर ने इनकार करने वालो को ईमान लाने का निर्देश ये कहते हुए दिया हैं की हमारे इन चमत्कारों को देख कर भी तुम क्यों ईमान नहीं लाते. 1400 साल पहले कोई व्यक्ति अपने सामान्य जीवन के अनुभवों पर आधारित साधारण सी कविता के रूप में लोगो के समक्ष प्रस्तुत करता तो उसमे चुनोती न होती की यह साधारण बाते नहीं, वरना ईश्वर का वो महान चमत्कार हैं जिन्हें देख कर तुम्हे ईमान लाना ही चाहिए.

अल्लाह ने कुरान में फ़रमाया है -
"आसमानों और ज़मीन में जो कुछ है, उसे हमने तुम्हारे अधीन कर दिया है और इस तथ्य में उन लोगो के लिए निशानियाँ हैं जो चिंतन करते हैं."
- कुरान 45:13

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