'धर्म' का अर्थ होता हैं धारण करना, मोक्ष अर्थात स्वर्ग में जाने के लिए चार चीज़ो का धारण करना आवश्यक हैं
1. विश्वास: सर्वप्रथम ईश्वर के अस्तित्व पर विश्वास लाना और उसके ईशदूतों (नबियो), उसकी किताब, फरिश्तो (देवताओ), भाग्य, स्वर्ग, नर्क, अंतिम दिन आदि पर विश्वास रखना
2. सद्कर्म (नेक आमाल): अल्लाह (ईश्वर) के बताये अनुसार हर मनुष्य के लिए प्रेम कि भावना रखना किसी के साथ भेदभाव, छुआछूत आदि का व्य्वहार न करना और उसके बताये अनुसार उसकी उपासना (इबादत) करना नमाज़ पढ़ना, रोज़ा रखना, ज़कात देना, हज करना ग़रीबो को दान देना भूखो को खाना खिलाना लोगो की भलाई के लिए कार्य करना आदि.
3. सत्य बताना: जो भी धर्म का ईश्वर का सच्चा ज्ञान आप तक पहुच गया हैं उसे दुसरो तक पहुचाना अपने और दुसरो की मुक्ति और मोक्ष के लिए कार्य करना
4. धैर्य (सब्र): हर लम्हा धैर्य से काम लेना और विश्वास रखना की ईश्वर अच्छा करेंगे और दुसरो को भी धेर्य की नसीहत करना हमेशा सच्चाई पर डटे रहना