"हे जिनों और इंसानों
की टोलियों! अगर
तुम समझते हो
की आसमान और
पृथ्वी के वियासो
(Diameters) * में से गुज़र
कर पार निकल
सकते हो तो
ऐसा कर देखो
अतिरिक्त बल के
इस्तेमाल के बिना
नहीं कर सकोगे.
अब तुम अपने
रब के किन-किन वरदानो
को झूट्लाये जाओगे
"
- कुरान
55:33-34
शक्ति
और वेग के
नियमो पर आधारित
उपकरणों की सहायता
से एक दिन
पृथ्वी और अन्य
ग्रहों के
गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में से
गुज़रना के सम्भव
होगा, ये संकेत
कुरान कर चूका
था. उस काल
में जो वाहन
मौजूद थे उनके
अतिरिक्त अन्य वाहनों
की खोज होगी,
ये भी कुरान
ने बता दिया
था -
"अल्लाह
ने घोड़े, खच्चर,
गधे तुम्हारे वाहन
और शोभा के
लिये पैदा किए
और वो (इनके
अलावा ऐसे वाहन)
पैदा करेगा जिनका
तुम्हे अभी ज्ञान
नही है."
- कुरान
16:8-9
इन वाहनों पर सवार
हो कर चंद्रमा
पर पहुँचने का
वर्णन देखिए -
"पूर्ण
हो जाने वाला
चंद्रमा गवाह है
की तुम ज़रूर
इस धरती से
दूसरी धरती तक
सवारी पर सवार
हो कर जाओगे.
(ये चमत्कार देख
लेने के बाद)
फिर इन्हें अब
क्या हो गया
की ईमान नहीं
लाते. "
- कुरान
84:18-20
और ध्यान देने वाली
एक बात और
है की कुरान
में चंद्रमा की
जो सुरह (अध्याय)
है सुरह क़मर
(चंद्रमा) उसकी पहली
आयत (मन्त्र) से
ले कर कुरान
की आखिरी सुरह
'सुरह नास' की
आखिरी आयत तक
जितनी आयते है
उनकी संख्या 1389 बनती
है और यही
वो इस्लामी साल
1389 हिजरी (रोमन साल
1969) था जिस वर्ष
नील आर्मस्ट्रांग चंद्रमा
पहुंचा था. '
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* संकेत है, गुरुत्वाकर्षण
की सीमा की
ओर और पृथ्वी
और अन्य ग्रहों
के गोल होने
तरफ भी.
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